दीपावली – हिन्दू धर्म का सबसे लोकप्रिय त्यौहार , कब क्यों कैसे मनाया जाता है ?

नमस्कार दोस्तों , मेरी तरह आप भी खूब Exited हो रहे होंगे क्योंकि Deewali जो आने वाली है| दोस्तों, हिन्दू धर्म की बात की जाए तो हिन्दू धर्म में पूरे वर्षभर ना जाने कितने त्यौहार आते है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण अगर festival की बात की जाए तो उसमे Deewali का नाम सबसे पहले आता है| मेरा सबसे पसंदीदा त्यौहार भी यही है और हो भी क्यों ना – एक सही समय और सही तरीके से यही त्यौहार आता है|

Deewali जब आती है तो अपने साथ ढेर सारे ऑफर लेकर आती है और यही मौका होता है सभी के लिये उसको एक अच्छे तरीके से सेलिब्रेट करने का| मैं खुद पोस्ट लिखते समय बहुत Exited हो रहा हूँ आखिर दीवाली जो आने वाली है|Deewali

लेकिन दीवाली क्यों मनाई जाती है ?

पुराने ज़माने की कहानियां है जो चलती आ रही है उमने से ही बहुत सी कहानिया है मतलब बहुत से कारण है जिनके कारण हम सभी इस त्यौहार को मानते है | कैसे मनाते है , क्यों मनाते है , कब मानते है ये सब आज हम पढने वाले है|

दीवाली का त्यौहार इस साल यानी 2018 में 7 नवम्बर को है | अक्सर यही होता है दीवाली का त्यौहार या तो अक्टूबर के महीने में आता है या फिर नवम्बर के महीने में|

दीवाली बच्चो के लिये भी बहुत ख़ास होती है और बड़ो के लिये भी| भारत में दीवाली के वक़्त किसी को कोई ख़ास काम नहीं होता और इस समय सब free होते है| मैं उत्तर भारत से हूँ तो इस समय उत्तर भारत में सर्दी का आगमन हो चुका है और किसानो ने अपने काम निपटा लिये है और वो सब दीवाली को सेलिब्रेट करने के लिये तैयार है|

अब बात करते है कि दीवाली क्यों मनाई जाती है?

इन्हें भी पढ़े – जिन्दगी में वो करो जो आपके मन में आये फिर वो होगा जो आप चाहोगे – एक प्रेरणात्मक किस्सा

Deewali क्यों मनाई जाती है ?

दीपावली अर्थात दीपो की पंक्ति | दीपवाली को मनाने के अलग अलग कारण है और हिन्दू धर्म में जो मुख्य कारण है वो ये है कि – इस दिन भगवान राम 14 वर्ष के बनवास के बाद अपने घर को वापिस लौटे थे क्या कहानी थी इसके बारे में आप यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते है| हाँ तो अपने प्रिय राजा के सकुशल आगमन पर अयोध्या वासिओ ने अपने अपने घरो में में दीपदान किया था और कार्तिक माह की अमावस्या को एक रोशन कर देने वाली रात में बदल दिया था बस यही से ये सिलसिला चल पड़ा जो आज तक चला आ रहा है|

अब जो लोग भगवान श्री कृष्ण को मानते है उनके अनुसार वो दीवाली का त्यौहार इसलिए मनाते है कि श्री कृष्ण ने इस दिन नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था जो बहुत ही पापी था तो उसके मरने की ख़ुशी में सभी भक्तो ने इस उत्सव को मनाया और घरो में दीपक जलाये थे वही से ये सिलसिला शुरू हुआ और दीवाली मनाने लगे|

एक तीसरा प्रसंग ये भी है कि Deewali के दिन ही हिरनकश्यप नाम के राक्षस का वध हुआ था इसलिए उसके बाद उत्सव मनाया गया|

तो दोस्तों जो भी हो लेकिन ये दीवाली का त्यौहार है सच में बहुत ख़ास| इसे मनाने का तरीका और सब कुछ बड़ा ही शानदार रहता है | लोग घरो में दीपदान करते है , बच्चो के लिये मिठाइयाँ लाते है , नए नए वस्त्र लाने का भी रिवाज़ है| एकदम से साफ़ मौसम में मनाया जाने वाला त्यौहार Deewali ही है|

इन्हें भी पढ़े – ब्लॉगर कौन है और उनके बारे में आप कितना जानते है – ज़रा सोचिये और पढिये

Deewali मनाने से हमें क्या फायदे होते है ?

दोस्तों दीवाली को मनाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी है जिससे कि दीवाली मनाने से हमें फायदा होता है| जैसा कि आप सब जानते है दीवाली से पहले लोग अपने घरो की साफ़ सफाई करते है जिससे की घर में धुल मिटटी नहीं आती इसलिए इसलिए रोग फैलने की समस्या कम हो जाती है|

इसके साथ साथ दीवाली के दिन लोग दिए जलाते है जिससे कि तेल या घी के जलने से वातावरण भी शुद्ध हो जाता है| इसके अलावा भी बहुत से कारण होते है लोग एक दुसरे को मिठाई आदि उपहार स्वरूप भेंट देते है जिससे कि आपसी प्रेम भाव भी बढ़ता है|

दीवाली के दिन गरीबो को दान देने का भी चलन है जो कि एक बहुत अच्छा कार्य है और ऐसा होना भी चाहिये इससे लोग की सकारात्मक मानसिकता का पता चलता है|

इन्हें भी पढ़े – Online पैसा कमाने के लिये अपना खुद का ब्लॉग 5 मिनट में कैसे बनाये

दीवाली कैसे मनाई जाती है ?

हिन्दू धर्म में दीवाली का एक ख़ास महत्त्व है और दीवाली आने से पहले ही लोग इसकी तैयारियों में लग जाते है| आप जहाँ कहीं भी देखेंगे वही पर आपको दीवाली की ही धूम दिखेगी | लोग सबसे पहले अपने घरो की साफ़ सफाई करते है और लगभग घरो में साल का यही महिना होता है जब पूरे घर को एक साथ साफ़ किया जाता है|

दीवाली से एक दिन पहले धनतेरस मनाई जाती है| इस दिन लक्ष्मी जी की विधिवत रूप से पूजा अर्चना की जाती है और उनको भोग लगाया जाता है| लक्ष्मी पूजन के बाद घर में सभी को मिठाई बांटी जाती है| भारत में कहीं कहीं इस दिन गरीब और अपने परिजनों को मिठाई उपहार में देने का भी रिवाज़ है|

धनतेरस को लक्ष्मी का आगमन का सूचक माना जाता है इसलिए ये किसी भी काम को करने का शुभ मुहूर्त होता है और हर कोई नयी बस्तुये खरीदता है| धनतेरस को शुभ मानते हुए वाहन आदि इसी दिन खरीदे जाते है|

दीवाली के दिन सब बच्चे और बड़े नए वस्त्र पहनते है कार्तिक मास की अमावस्या को दीपदान करके ऐसे सजाया जाता है जैसे कि मानो पूर्णिमा की रात हो और घरो को भी दुल्हन की तरह सजाया जाता है|

इसके बाद बच्चो की असली दीवाली शुरू होती है और बच्चे इसी दिन पटाके आदि चलाते है और देर रात तक खुशियाँ मनाई जाती है|

भारंत के अलावा विदेशो में भी दीवाली मनाई जाती है जैसे – ब्रिटेन जैसे देशो में भारतीयों की संख्या अधिक होने से वहां भी Deewali के इस त्यौहार को धूम धाम से मनाया जाता है| एक देश मोरीशश है जहाँ पर तो दीवाली के दिन को सरकारी अवकाश घोषित किया जाता है जिससे कि वहां रहने वाले भारतीय भी अपने इस त्यौहार को मना सके|

दोस्तों यहाँ पर मैं दीवाली पर बच्चो के लिये एक छोटा सा लेख ( निबंध ) प्रस्तुत कर रहा हूँ जो कि आपके स्कूल में काम आ सकता है-

इन्हें भी पढ़े – अगर आप बार बार demotivate हो रहे है तो एक बार इसे जरुर पढ़े

दीवाली पर निबंध (300 शब्द)

त्योहारों के इस देश भारत में दीवाली का त्यौहार है जो बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है| भारत में दीवाली का त्यौहार कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाता है और इस अँधेरी रात भी दीपदान करके पूर्णिमा की रात में बदल देते है|

दीवाली को मनाने के पीछे बहुत सी जनश्रुति प्राचीन समय से ही चली आ रही है और हिन्दू धर्म को छोड़कर सभी धर्मो में इस त्यौहार को मनाया जाता है और हर धर्म में इसकी अलग अलग कहानियां है जैसे कि हिन्दू धर्म की अगर बात की जाए तो कहते है कि सतयुग में इस दिन भगवान् को दिया गया 14 वर्ष का समापन हुआ था और वो इस दिन अपनी नगरी अयोध्या में लौटे थे|

अपने प्रिय राजा राम के सकुशल वापिस लौटने की ख़ुशी में समस्त अयोध्या वासियों से अपने घरो को रोशन किया था और घी के दीपक जलाये थे उसी समय से इस त्यौहार को मनाने की परम्परा चली आ रही है|

इसके अलावा अगर सिख धर्म में इस त्यौहार को मनाने की बात की जाये तो इस दिन सिख धर्म के छठे गुरु हरगोविंद सिंह जी को इसी दिन जेल से रिहा किया गया था और अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की नींव भी दीवाली के दिन ही डाली गयी थी इसलिए उसी दिन को दीवाली के रूप में मनाया गया था|

दीवाली से एक दिन पहले लक्ष्मी पूजन किया जाता है और इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है| धनतेरस के दिन ही लोग नए वस्त्र खरीदते है और घर में कोई नयी चीज का आगमन भी इसी दिन को होना शुभ माना जाता है|

दीवाली के दिन बच्चे और बड़े सभी मिलकर पटके चलाते है और मिठाईयां आदि बांटते है और एक दुसरे के साथ खुशियाँ मनाते है|

इन्हें भी पढ़े – एक नया ब्लॉगर जल्द ही ब्लॉग्गिंग कैसे छोड़ देता है – Demotivate होने के मुख्य कारण

लेखक विचार

तो दोस्तों इस बार भी दीवाली आने वाली है और हम आशा करते है कि इस बार भी आपकी दीवाली हर बार की तरह बेहतरीन होने वाली है| आप भी इस बार के दीवाली के त्यौहार को अपने दोस्तों के साथ और अपने प्रियजनों के साथ मिलकर जरुर मनाये| और हाँ , आपको हमारा ये पोस्ट कैसा लगा हमें जरुर बताये और अपने दीवाली के जुड़े जो भी फैक्ट है उनको कमेंट बॉक्स में जरुर डाले|

आपको और आपके सम्पूर्ण परिवार को HindiStock.Com की तरफ से

                          दीवाली की ढेर सारी शुभकामनाये

4 thoughts on “दीपावली – हिन्दू धर्म का सबसे लोकप्रिय त्यौहार , कब क्यों कैसे मनाया जाता है ?”

  1. sir, aapki site bahut fast open hoti hai, aapne kis company se hosting li hoei hai, aur koun sa plan hai.

    Reply

Leave a comment